सोमवती अमावस्या पर आज ब्रह्रा मुहूर्त में जरूर करें ये 2 काम कोसो दूर रहेगी गरीबी
सोमवार की पड़ने वाली अमावस्या को सोमवर्ती अमावस्या कहते है ये वर्ष में लगभग दो अथवा दो ही बार पड़ती है ।
इस अमावस्या को हिन्दू धर्म में विशे, महत्व होता है आप सभी जानते भी है । विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन अपने
पतियों की दीर्घायु कामना के लिए व्रत का विधान है । इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्त्र गोदान का फल मिलता है ।
सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त क्या है?
आप सभी को बता दू कि हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस तिथि को सोमवती अमावस्या
मनाई जाती है. अमावस्या तिथि 2 सितंबर यानी आज सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का
समापन 3 सितंबर को सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर होगा. अमावस्या स्नान दान का मूहूर्त- सुबह 4 बजकर 29 मिनट
से 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा
सोमवती अमावस्या करने से क्या फल मिलता है?
जैसे की आप सभी जानते है कि ऐसा करने से सुख- समृद्धि का जीवन में वास बना रहता है। साथ ही इस दिन तर्पण,
दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद आपको मिलता है। इतना ही नहीं ये दिन काल सर्प दोष से
मुक्ति पाने के लिए भी खास होता है। वहीं सोमवती अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न का दान करना
चाहिए।
सोमवती अमावस्या के दिन क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
आइये जानत है शास्त्रों के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन इंसान को तामसिक भोजन का सेवन करने से बचना
चाहिए। इस तिथि पर मांस-मदिरा और लहसुन और प्याज नहीं खाना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि
सोमवती अमावस्या पर घर में किसी भी तरह का वाद-विवाद न हो। किसी इंसान के प्रति मन में गलत विचार न लाएं।
सोमवती अमावस्या के दिन बाल धो सकते हैं क्या?
आइये जानते है -5. आपको बता दें कि अमावस्या के दिन बाल भूलकर भी नहीं धोने चाहिए। इस दिन सिर धोना अशुभ
माना जाता हैं तथा इससे जीवन में बाधाओं का आगमन होता है ।
सोमवती अमावस्या को किसकी पूजा करनी चाहिए?
2 सितंबर को भाद्रपद अमावस्या है. यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा
जाएगा. सोमवार अमावस्या का दिन पितरों के श्राद्धकर्म और भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है.
सोमवती अमावस्या करने से क्या फायदा होता है?
आपको हम सोमवती अमावस्या पर पूजा से पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति, जानें इस दिन क्या करें और क्या न करें?
अमावस्या तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता है अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी
की पूजा-अर्चना करने से साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
सोमवती अमावस्या पर पीपल की पूजा कैसे करें?
सोमवती अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा के लिए आपको पूजा की थाली तैयार करके रखना होगी. इसमें कच्चा
दूध, जल, फूल, चावल, रोली, मौली और घी का दीपक शामिल करें. – पीपल के पेड़ की पूजा से पहले स्नान कर साफ
कपड़े धारण करें. – पेड़ के पास जाकर सबसे पहले जल अर्पित करें
पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से क्या होता है?
पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनिवार के दिन इस पेड़ के पास
दीपक जलाने से कुंडली में उत्पन्न शनिदोष से मुक्ति मिलती है और शनि की ढैया या साढ़े साती का असर कम होता
है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीपल के पास दीपक जलाने के लिए गुरुवार और शनिवार का दिन बेहद शुभ माना
जाता है।
सोमवती अमावस्या पर आज ब्रह्रा मुहूर्त में जरूर करें ये 2 काम कोसो दूर रहेगी गरीबी
जरूर करें ये 2 काम
1.ब्रह्रा मूहुर्त में उठकर सबसे पहले अपनी हथेलियों को देखें और ओम् कराग्रे बसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती करमूलेःतू
गोविंदाः प्रभाते कर दर्शनम् मंत्र का जाप कहते है कि हमारी हथेलियों में ग्रहों और देवी-देवताओं का वास होता है
इसलिए हथेलियों को देखने से हमें सभी देवी-देवताओं के दर्शन हो जाते है ।
2– ब्रह्रा मुहूर्त में उठकर स्नानादि के बाद सुख आसन में बैठ जाए फिर अपनी दोनों आंखे बंद करके एक लाभकारी मंत्र
का जाप करें ओम् ब्रह्रा मुरारी पुरान्तकारी भानू शशि भूमिस्तुतो बुधश्र्व, शुक्र, शनिए, राहू, केतवा कुरुवंतु सर्वे मर्मे
सुप्रभातम ओम् मंत्र का जाप करें ब्रह्रा मुहूर्त में इस मंत्र का जाप करने से देवी-देवता प्रसन्न होते है ऐसे करने वालो के
घर में कभी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है ।
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